भारतीय दण्ड सहिं हिता की धारा 186 क्या है?
आज हम इस आर्टि कल मेंभारतीय दण्ड सहिं हिता की धारा 186 के बारेमेंकुछ अहम जानकारी आपको देंगे।
1. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 क्या है?
2.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 सेसबं धिं धित कुछ काननू ी मामलों की जानकारी।
3.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 का IPC मेंमलू ?
4.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 मैंसजा का प्रावधान?
5.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 मेंजमानत का प्रावधान?
6.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 ज़मानती हैया गैर जमानती अपराध है?
1. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 क्या है?
भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 में लोक सेवकों को सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न मेंबाधा डालनेके कार्य को
एक आपराधि क कार्य बताया गया हैजो कोई भी कि सी लोक सेवक को उसके सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न में
स्वेच्छा सेबाधा डालता हैतो यह कार्य आपराधि क कार्य होता हैजि सेipc मेंकि सी एक अवधि के लि ए
कारावास जि सेतीन महीनेतक बढ़ाया जा सकता है, या जर्माु र्माना जो पांच सौ रुपयेतक हो सकता है, या दोनों
सेदंडि त कि या जाएगा।
2.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 सेसबं धिं धित कुछ काननू ी मामलों की जानकारी।
1.Gurinder Singh v State.
2.Ankur Kumar Vs State of(NCT)Delhi.
3.State vs Jai Mohan.
4.State of Himachal Pradesh vs Neeraj Sharma.
5.Shikha Goyal and Anr vs Employee State Insurance.
3.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 का IPC मेंमलू ?
धारा 186 का मलू IPC 1860 हैऔर IPC 1860 एक व्यापक काननू हैजो भारत मेंआपराधि क काननू के
वास्तवि क पहलओु ंको शामि ल करता हैयह अपराधों को बताता हैऔर उनमेंसेप्रत्येक के लि ए सजा और जर्माु र्माना
बताता है।
4.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 मैंसजा का प्रावधान?
भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 में लोक सेवकों को सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न मेंबाधा डालनेके कार्य को
एक आपराधि क कार्य बताया गया हैजो कोई भी कि सी लोक सेवक को उसके सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न में
स्वेच्छा सेबाधा डालता हैतो यह कार्य आपराधि क कार्य होता हैजि सेIPC मेंकि सी एक अवधि के लि ए
कारावास जि सेतीन महीनेतक बढ़ाया जा सकता है, या जर्माु र्माना जो पांच सौ रुपयेतक हो सकता है, या दोनों
सेदंडि त कि या जाएगा।
जि सेIPC मेंकि सी एक अवधि के लि ए कारावास जि सेतीन महीनेतक बढ़ाया जा सकता है, या जर्माु र्माना जो
पांच सौ रुपयेतक हो सकता है, या दोनों सेदंडि त कि या जाएगा।
5.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 मेंजमानत का प्रावधान?
भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 में लोक सेवकों को सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न मेंबाधा डालनेके कार्य को
एक आपराधि क कार्य बताया गया हैजो कोई भी कि सी लोक सेवक को उसके सार्वजर्व नि क कार्यों के नि र्वहर्व न में
स्वेच्छा सेबाधा डालता हैतो यह कार्य आपराधि क कार्य होता हैजि सेIPC मेंकि सी एक अवधि के लि ए
कारावास जि सेतीन महीनेतक बढ़ाया जा सकता है, या जर्माु र्माना जो पांच सौ रुपयेतक हो सकता है, या दोनों
सेदंडि त कि या जाएगा।यह जमानती अपराध हैतो IPC की धारा 186 मेंजमानत मि लनेका प्रावधान बहुत सख्त
और कठि न नहीं है।
6.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 186 ज़मानती हैया गैर जमानती अपराध है?
आईपीसी की धारा 186 मेसजा का प्रावधान अभी हमनेपढ़ा अब हम इस वि षय मेंजाननेकी कोशि श करेंगेकि
यह अपराध गैरजमानती हैया जमानती अपराध है?परंतुउससेपहलेहमेंजमानती अपराध और गैर जमानती
अपराध के वि षय मेंवि स्ततृ जानकारी होनी चाहि ए।
× गैर जमानती अपराध क्या है?
गैर जमानती अपराधों मेंडकैती लटू रेप हत्या की कोशि श फि रौती के लि ए अपहरण ओर गैर इरादतन हत्या जसै े
अपराध शामि ल हैंइस तरह के मामलों मेंअदालत के सामनेतथ्य पेश कि ए जातेहैंऔर फि र कोर्ट जमानत पर
नि र्णयर्ण लेता हैगैर जमानती अपराध वह अपराध होता हैजि समेंअपराध करनेवालेव्यक्ति को मजि स्ट्रेट के
सामनेपेश होना पड़ता है।
× जमानती अपराध क्या है?
जमानती अपराध मेंमारपीट ,धमकी, लापरवाही सेमौत,लापरवाही सेगाड़ी चलाना जसै ेअपराध आतेहैं। ऐसे
अपराधों को जमानती बताया गया हैऔर इसमेंअपराधी की जमानत स्वीकार करना पलिुलिस अधि कारी एवं
न्यायालय का कर्तव्र्त य हैजमानती अपराधों मेंकोर्ट को जमानत देना अनि वार्य हैपरंतुगैर जमानती अपराध में
कोर्ट (न्यायालय) अपनी इच्छा के अनसु ार अपराधी की जमानत याचि का को खारि ज कर सकता है।