IPC 392 in Hindi – आईपीसी की धारा 392 क्या है

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भारतीय दण्ड सहिं हिता की धारा 392 क्या है?

आज हम इस आर्टि कल मेंभारतीय दण्ड सहिं हिता की धारा 392 के बारेमेंकुछ अहम जानकारी आपको देंगे।

  1.  भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 क्या है?
  2. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 सेसबं धिं धित कुछ काननू ी मामलों की जानकारी।
  3. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 का IPC मेंमलू ?
  4. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मैंसजा का प्रावधान?
  5. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मेंजमानत का प्रावधान?
  6. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 ज़मानती हैया गैर जमानती अपराध है?

1. भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 क्या है?

भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मेंलटू के दंड के लि ए सजा का प्रावधान दि या हुआ है। जो भी व्यक्ति लटू करेगा
वह कठोर कारावास जि सकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकती हैऔर जर्माु र्मानेके साथ दंडि त कि या जाएगा और यदि
लटू राजमार्ग पर सर्याू र्यास्त और सर्योू र्योदय के बीच की जाती हैतो कारावास को 14 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
परन्तुभारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 लटू के लि येदंड को अध्ययन करनेसेपहलेयह जानना अति आवश्यक
हैकि लटू क्या है? लटू क्या हैइसकी वि स्ततृ जानकारी भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 390 मेंदी गई है।

2.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 सेसबं धिं धित कुछ काननू ी मामलों की जानकारी।
1. State Vs Chand singh Mit Singh And Anr on 19 March,1970.
2.Pappu Vs State on 7 January,2011.
3.Matin Vs State on 16 February,2016.
4.Rakesh Vs State of NCT of Delhi on 20 July,2010
5.Rafiq Ahmed @ Rafi Vs State of Uttar Pradesh on 4 August,2011.

3.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 का IPC मेंमलू ?

धारा 392 का मलू IPC 1860 हैऔर IPC 1860 एक व्यापक काननू हैजो भारत मेंआपराधि क काननू के
वास्तवि क पहलओु ंको शामि ल करता हैयह अपराधों को बताता हैऔर उनमेंसेप्रत्येक के लि ए सजा और जर्माु र्माना
बताता है।

4.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मैंसजा का प्रावधान?

भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मेंलटू के लि ए दंड की सजा का प्रावधान हैजि नके अतं र्गतर्ग 10 साल की
कारावास जर्माु र्मानेके साथ दंडि त करनेका प्रावधान हैकि ंतुअगर व्यक्ति लटू राजमार्ग पर सर्याू र्यास्त और सर्योू र्योदय के
बीच करता हैकारावास 14 वर्ष तक के लि ए बढ़ाई जा सकती है।

5.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मेंजमानत का प्रावधान?

भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 मेंलटू के दंड के लि ए सजा का प्रावधान दि या हुआ है। जो भी व्यक्ति लटू करेगा
वह कठोर कारावास जि सकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकती हैऔर जर्माु र्मानेके साथ दंडि त कि या जाएगा और यदि
लटू राजमार्ग पर सर्याू र्यास्त और सर्योू र्योदय के बीच की जाती हैतो कारावास को 14 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।यह
एक गैर जमानती अपराध हैतो IPC की धारा 392 मेंजमानत मि लनेका प्रावधान बहुत सख्त और कठि न है।

6.भारतीय दंड सहिं हिता की धारा 392 ज़मानती हैया गैर जमानती अपराध है?

आईपीसी की धारा 392 मेसजा का प्रावधान अभी हमनेपढ़ा अब हम इस वि षय मेंजाननेकी कोशि श करेंगेकि
यह अपराध गैरजमानती हैया जमानती अपराध है?परंतुउससेपहलेहमेंजमानती अपराध और गैर जमानती
अपराध के वि षय मेंवि स्ततृ जानकारी होनी चाहि ए।
× गैर जमानती अपराध क्या है?
गैर जमानती अपराधों मेंडकैती लटू रेप हत्या की कोशि श फि रौती के लि ए अपहरण ओर गैर इरादतन हत्या जसै े
अपराध शामि ल हैंइस तरह के मामलों मेंअदालत के सामनेतथ्य पेश कि ए जातेहैंऔर फि र कोर्ट जमानत पर
नि र्णयर्ण लेता हैगैर जमानती अपराध वह अपराध होता हैजि समेंअपराध करनेवालेव्यक्ति को मजि स्ट्रेट के
सामनेपेश होना पड़ता है।
× जमानती अपराध क्या है?
जमानती अपराध मेंमारपीट ,धमकी, लापरवाही सेमौत,लापरवाही सेगाड़ी चलाना जसै ेअपराध आतेहैं। ऐसे
अपराधों को जमानती बताया गया हैऔर इसमेंअपराधी की जमानत स्वीकार करना पलिुलिस अधि कारी एवं
न्यायालय का कर्तव्र्त य हैजमानती अपराधों मेंकोर्ट को जमानत देना अनि वार्य हैपरंतुगैर जमानती अपराध में
कोर्ट( न्यायालय) अपनी इच्छा के अनसु ार अपराधी की जमानत याचि का को खारि ज कर सकता है।