Mental harassment ( मानसिक उत्पीड़न ) क्या है ?

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मानसिक प्रताड़ना क्या है

मानसिक प्रताड़ना ( Mental Harassment ) क्या है ?

मानसिक उत्पीड़न ( Mental Harassment ) क्या है।  Mental Torture  क्या है ।

What is Mental Harassment meaning in Hindi ?

कानून के अनुसार जब किसी व्यक्ति को बार बार डराया , धमकाया ,उकसाया जाता है। परिणामस्वरूप वह व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है। ये मानसिक परेशानी ही मानसिक प्रताड़ना कहलाती है।

परिस्थितियों को देखकर हम ये कह सकते है कि  किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।  अधिकांश तो हम समझ नहीं पाते कि जो व्यवहार हमारे साथ हो रहा है। उस व्यवहार के चलते हमे जो मानसिक परेशानी (Mental Problem) हो रही है। वो मानसिक उत्पीड़न ( Mental Torture ) है या नहीं।

सही समय मानसिक प्रताड़ना का विरोध ना करना ही हमारे जीवन मे जहर घोल देता है। हम ये भी कह सकते हैं अधिकांश तो लोगो को जानकारी ही नहीं है कि मानसिक प्रताड़ना का सामना कैसे किया जाये।

हमारे देश के कानून मे भी मानसिक उत्पीड़न के लिए कोई अलग से कानून ( Mentally harassment Act ) नहीं है।  लेकिन विभिन्न कानूनों के तहत मानसिक उत्पीड़न से बचा जा सकता है।

मानसिक उत्पीड़न हमारे समाज की वो कुरीति है। जो समाज के हर स्तर पर मौजूद है । अमीर , पुरुष ,गरीब , महिला ,बच्चे  सभी के सभी अपने जीवन मे मानसिक उत्पीड़न के शिकार होते है।

हम सभी अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार किसी न किसी रूप में मानसिक प्रताड़ना झेलते हैं। फिर भी, हम शायद ही महसूस करते हैं कि हमने अपने सिर पर उत्पीड़न का बोझ डाल दिया है।

हम में से अधिकांश के लिए, मानसिक उत्पीड़न का मतलब घरेलू हिंसा ( Domestic Violence ), दुर्व्यवहार, पीछा करना या कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार ( Harassment at workplace) है।

लेकिन हम पर विश्वास करें, मानसिक उत्पीड़न का दायरा हमारे विचार से कहीं अधिक व्यापक है।

आपके सामाजिक दायरे, कार्यस्थल, घर या कहीं और होने के बावजूद आपके आस-पास होने वाली कोई भी परेशान करने वाली घटना को एक प्रकार का मानसिक उत्पीड़न कहा जाता है। बेशक, उसी की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है।

 

मानसिक उत्पीड़न (Mental Torture) के प्रकार क्या हैं ?

मानसिक उत्पीडऩ क्या हो सकता है, यह हम पहले ही बता चुके हैं, फिर भी आइए इसे एक सटीक परिभाषा के माध्यम से समझते हैं।

मानसिक उत्पीड़न या भावनात्मक दुर्व्यवहार किसी भी प्रकार का गैर-भौतिक ( Non-physical ) रवैया या व्यवहार है

जो अपमान, भय या अपमान के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को धमकाता है, नियंत्रित करता है, अधीनस्थ करता है, दंडित करता है, अपमानित करता है या अलग करता है।

मानसिक उत्पीड़न किसी व्यक्ति के प्रति किया जाने वाला व्यवहार है।  व्यक्ति को भावनात्मक तरीके से कमजोर करना ऐसे व्यवहार का सबसे पहले लक्षण है।

किसी व्यक्ति के भावनात्मक मानसिक उत्पीड़न के प्रकार है ?

  • भेदभावपूर्ण 
  • भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक

 

मानसिक उत्पीड़न (Mental Harassment ) कहाँ हो सकता है

  • कार्यस्थल पर मानसिक प्रताड़ना 
  • ससुराल वालों द्वारा मानसिक प्रताड़ना  
  • घरेलू मानसिक उत्पीड़न
  • साइबरबुलिंग या ऑनलाइन

 

 कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न ( Mental harassment)

हमें कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न के बारे में नहीं भूलना चाहिए। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 50% महिलाएं कार्यस्थल पर उत्पीड़न का अनुभव करती हैं।

वे नियमित रूप से अपमान और मानहानि सहते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही कानून को इसकी रिपोर्ट करने का साहस करते हैं। Mental harassment in Hindi

अधिकांश लोगों का मानना है कि कार्यस्थल पर मानसिक उत्पीड़न केवल यौन ही हो सकता है, लेकिन मानसिक उत्पीड़न और यातनाओं को वर्गीकृत किया गया है। नीचे दिए गए वर्गीकरण को देखें:

  • उम्र के आधार पर भेद।
  • सार्वजनिक रूप से किसी व्यक्ति को बदनाम करना या उसका अपमान करना।
  • जाति के आधार पर भेदभाव।
  • लिंग या वैवाहिक स्थिति के आधार पर भेदभाव।

यह दुख की बात है कि अभी भी इस तरह के व्यवहार के खिलाफ कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कोई कानून नहीं हैं, लेकिन बहुत सारे मानव संसाधन और श्रम कानून हैं जो कर्मचारियों को उनके अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करते हैं।

वेतन भुगतान अधिनियम, 1936, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947, मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 जैसे अधिनियम कार्यस्थल पर कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षित करने में काफी सहायक हैं। Mental harassment

देश के हर नागरिक को सम्मान से जीने का अधिकार है। मानसिक उत्पीड़न या भावनात्मक या शारीरिक शोषण एक दंडनीय अपराध है और किसी भी तरह से, यदि आप ऐसे कृत्यों के शिकार हैं, तो आपको तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करनी चाहिए।

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ससुराल मे मानसिक उत्पीड़न। 

ससुराल वालों द्वारा मानसिक प्रताड़ना किसी के लिए भी एक बुरा अनुभव हो सकता है। जब आपको  निरंतर आलोचना, नीचा दिखाना और भावनात्मक हेरफेर का सामना करना पड़े। आपके आत्मसम्मान को कुचला जाये।

आपके ससुराल वाले अनुचित मांग करें , आपका या आपके परिवार का अपमान कर सकते हैं, या यहां तक ​​कि आपके जीवन को नियंत्रित करने का प्रयास करें । आप उन्हें खुश करने और उनके क्रोध से बचने की कोशिश कर रहे हैं। Mental harassment

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ससुराल वालों द्वारा मानसिक उत्पीड़न आपकी गलती नहीं है, और आप इस तरह के व्यवहार के लायक नहीं हैं।

आपके पास बोलने और सीमाएँ निर्धारित करने का अधिकार है, और यदि आपको इसकी आवश्यकता हो तो आपको मदद लेने से डरना नहीं चाहिए।

चाहे वह किसी विश्वसनीय मित्र या परिवार के सदस्य से बात करना हो, परामर्श मांगना हो, या यदि आवश्यक हो तो अधिकारियों से संपर्क करना हो, आपके लिए आवश्यक समर्थन और सुरक्षा प्राप्त करने के तरीके हैं। Mental harassment

मानसिक प्रताड़ना (Mental Harassment )की धारा कौनसी होती हैं।

भारतीय दंड संहिता ने किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ सख्त और कड़े कानून स्थापित किए हैं। भारतीय दंड संहिता मे हर प्रकार ले उत्पीड़न के लिए धाराएं निर्धारित की है। Mental harassment

जिनके तहत इस तरह के मानसिक प्रताड़न और दुर्व्यवहार के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है।

  • आईपीसी की धारा 498ए 
  • आईपीसी की धारा 294
  • आईपीसी की धारा 304बी
  • आईपीसी की धारा 509

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